आदरणीय विष्णु सक्सेना सर की इन पंक्तियों ने दिल के तारों को झंकृत कर दिया....
तन तुम्हारा अगर राधिका बन सके,
मन मेरा फिर तो घनश्याम हो जाएगा,
मेरे होठों की बंशी जो बन जाओ तुम,
सारा संसार बृजधाम हो जाएगा।

Hindi Song by Rakesh Kumar Pandey Sagar : 111251101
Satyendra prajapati 5 years ago

बेहद शानदार...वाह❣️

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