मौसमो को कहदो,,
जरा ओर ठहेर जाये,,
पहले हम उनका दीदार करले,,
न आती है खुश्बू फूलो से
न छा ती है हवा पतों से गुजर के,,
बहारे तो तब ही आयेगी..
जब वो हमें अपनी नज़रो से छुले..

Hindi Poem by Alpa : 111249328

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now