ये लंबे से रास्ते, ये सडकें, मोहताज नही होते किसी मंज़िलों के, हां ..बेशक गुज़रती है कई मंज़िलें इनसे होकर, यहां हम मंज़िलों के ग़ुलाम नही, हमपर हुक़ूकनही होता उनका, ढूँढना नही होता कुछ ,सबकुछ सरेआम लेकर आगे निकलते हैं, बस पसंद है मुजे, यही लंबीसी सडकें, ये रास्ते जो किसी मंज़िलों के मोहताज नहीं होते । @B

Gujarati Shayri by Bindiya : 111246940

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