बताऊं किसको! इन आँखों मे बारिश जो है!
दिखाऊं किसको! इस दिल मे ख्वाहिश जो है!
मेरे तो सब अपने ही गैर बने बैठे है यहाँ पे,
करूँ भी तो किससे! मन में गुज़ारिश जो है!


Bhavesh Parmar

Hindi Shayri by Parmar Bhavesh : 111243608

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now