जिन राहों में काटें हैं,
अब फूल खिलाने ही होंगे,
उन अंधियारी गलियों में,
अब दीप जलाने ही होंगे,
फेंको ईर्ष्या हवन कुण्ड में,
सब हैं एक समान,
प्रेम सरस् रस पी ले प्राणी,
ईश्वर का वरदान।।
-राकेश सागर

Hindi Song by Rakesh Kumar Pandey Sagar : 111239980
Satyendra prajapati 5 years ago

बहुत उम्दा सर जी....??

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