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*वक्त गुजारने के लिए,*
*दोस्तों को नही रखा जाता साहब..*

*दोस्तों का साथ निभाने के लिए, वक्त रखा जाता है...*

Hindi Shayri by Sangita Behal : 111238830
hu ek dum pagal chu 5 years ago

ha bilkul sahi bat he

RJ_Ravi_official 5 years ago

क्या बात कही के इस छंद पे ऐक सायरी है कि ये दोस्त तू हर मुकाम को छूले, जहा तू नही होगा वहा तेरी छुवी छुवी मिटी काम तो आएगी।। तू आज आज मेरे भाई क्योंकि दिन तेरे बिन ढलने का नाम ही नही ले रहा है।।।

Abbas khan 5 years ago

वाह क्या बात कही।? यारी वो नहीं जो जिन्दगी देती है, यारी वो भी नहीं जो ख़ुशी देती है, अरे सच्ची यारी तो वो है.. जो पानी में गिरा हुआ आंसू का कण भी पहचान लेती है।

Yogi Forever 5 years ago

Superb msg, very true said

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