*ईद मुबारक*

यूं अक्सर ईद का आना बड़ा बेकरार करता है..
मैं उसको याद करती हूं ,जो मुझको प्यार करता है..
चले आते हैं छतों पर हम, बहाना चांद का करके,
असल में, मैं उससे, वो मुझसे आंखें चार करता है!!

सीमा शिवहरे "सुमन"

Hindi Shayri by Seema Shivhare suman : 111234934

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