रात ख्वाबों के आंचल में बीती ,
सुबह पहली फुरस्त में तेरे ख़्याल आने लगे
चाय की प्याली ने यादों की गठरी खोली,
बीते लम्हें मुस्कुराने लगे..

कसूर मेरा नही रिमझिम मौसम की शरारत है
तुझ बेहद खास के साथ फिर चाय पीने की चाहत है

Hindi Good Morning by S Kumar : 111228935
Arvind Wagh 5 years ago

વાહ વાહ ખૂબ સરસ રચના લખી છે

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