बादलों का छाना
बूँदों का
बरस पड़ना
सामान्य सा
मौसमी बदलाव

किन्तु मेरी
सामान्य सी चाह
इतनी बड़ी
क्यों लगती है-

जब पहले
बादल घुमड़ें
पहली बूँदे पड़ें
पहली बार
मिट्टी भीगे तो
मैं भी भीगूँ
साथ तुम्हारे
और मुझसे उठी
सोंधी महक
तुम महसूस करो

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