Bhagirath Gondaliya 5 years ago

आसरा मिले जो तेरा तो, तेरा ही बन कर रेह जाऊं, हर हसी के कोने में , मैं छुपके से ठहर जाऊं, तेरी गुम-सूम गलीयों से, कोई शोर बन गुज़र जाऊं, अब इश्क़ पर ना जोर चलता मेरा, ना तेरी जुदाई कभी सेह पाऊ, ना तेरे बिन एक पल रेह पाऊ ।

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