Hindi Poem status by Mukesh Kumar Sinha on 10-May-2019 10:03pm Home Bites Hindi Poem Bites Mukesh Kumar Sinha Mukesh Kumar Sinha posted an update Hindi Poem 7 month ago #काव्योत्सव #प्रेम #Kavyotsav -2 प्यार के अद्भुत बहते आकाश तले जहाँ कहीं काले मेघ तो कहीं विस्मृत करते झक्क दूधिया बादल तैर रहे, मिलते हैं स्त्री-पुरुष प्रेम का परचम फहराने सलवटों की फसल काटने ! नहीं बहती हवाएं, उनके मध्य शायद इस निर्वात की स्थापना ही, कहलाता है प्रेम ! याद रखने वाला तथ्य है कि अधरों के सम्मिलन की व्याख्या बता देती है मौसम बदलेगा, या बारिश के उम्मीद से रीत जाएगा आसमां ! समुद्र, व उठते गिरते ज्वार-भाटा का भूगोल देहों में अनुभव होता है बारम्बार कर्क-मकर रेखाओं के आकर्षण से इतर! मृग तृष्णा व रेगिस्तान की भभकती उष्णता बर्फीले तूफ़ान के तेज के साथ कांपता शरीर, समझने लगता है ठंडक दहकती गर्मी के बाद ऐसे में तड़ित का कडकना छींटे पड़ने की सम्भावना को करता है मजबूत आह से आहा तक की स्वर्णिम यात्रा बारिश के उद्वेग के बाद है निकलना धनक का कि जिस्म के प्रिज्म के भीतर से बहता जाता है सप्तरंगी प्रकाश ! कुछ मधुर पल की शान्ति बता देती है कोलाहल समाप्त होने की वजह है हाइवे से गुजर चुकी हैं गाड़ियाँ फिर पीठ पर छलछला आए ललछौंह आधे चांद, जलन के बावजूद होती है सूचक, आश्वस्ति का यानी बहाव तेज रहा था ! भोर के पहले पहर में समुद्र भी बन उठता है झील शांत व नमक से रीती कलकल निर्झर निर्मल और हाँ भोर के सूरज में नहाते हुए स्त्री कहती है तृप्त चिरौरी के साथ कल रात कोलंबस ने पता लगा ही लिया था हिन्द के किनारे का !! वैसे भी जीवन का गुजर जाना जीवन जीते हुए बह जाना ही है कौन भला भूलता है 'प्रवाह' नियति है ! ~मुकेश~  Read More 29 Views Like 0 Comment Share Facebook Twitter Google WhatsApp 3 others like this post. View More Hindi Poem Status Download on Mobile More Interesting Options Blog Film-Review Hiku Microfiction Shayri Story Quotes Questions Jokes Whatsapp-Status Book-Review Song Folk Dance Funny Motivational Good Morning Good Night Romance Religious Thought Good Evening News Poem Gandhigiri Vatodiyo Viraj