#KAVYOTSAV - 2

कर्मपथ

जब तक चलेगी जिंदगी की सांसे,
कहीं प्यार कहीं टकराव मिलेगा ।

कहीं बनेंगे संबंध अंतर्मन से तो,
कहीं आत्मीयता का अभाव मिलेगा

कहीं मिलेगी जिंदगी में प्रशंसा तो,
कहीं नाराजगियों का बहाव मिलेगा

कहीं मिलेगी सच्चे मन से दुआ तो,
कहीं भावनाओं में दुर्भाव मिलेगा

कहीं बनेंगे पराए रिश्तें भी अपने तो
कहीं अपनों से ही खिंचाव मिलेगा

कहीं होगी खुशामदें चेहरे पर तो,
कहीं पीठ पे बुराई का घाव मिलेगा

तू चलाचल राही अपने कर्मपथ पे,
जैसा तेरा भाव वैसा प्रभाव मिलेगा

रख स्वभाव में शुद्धता का *'स्पर्श'* तू,
अवश्य जिंदगी का पड़ाव मिलेगा

English Poem by S Kumar : 111158661

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