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#There is not enough words to #describe just how much important she is. She gave #life , #nurtured , #taught , #dressed , #shouted , #kissed but most #important she #loves #unconditionally .
कुछ ऐसे लोग होते हैं, #गले लगते ही सुकून मिलता है।#माँ , ऐसी ही #शख्सियत है।
#माँ , एक शब्द नहीं, #ब्रह्मांड समाया है इसमें--------
जीवन के #कटुसत्य से रूबरू कराती----------
#दिल को #छू लेने वाली एक कविता----------

पहले कितनी सुंदर थी,वो गुड़िया सी लगती थी माँ। घूमती फिरती फिरकी थी, अब बुढ़िया सी लगती माँ।

हँसती थी तो फूल थे झरते, मोती सी चमकती माँ। हँसना छोड़ा कब का,अब तो खुल के रोती भी नहीं माँ।

जीवन के चलचित्र की जैसी मुख्य नायिका सी थी माँ। सरक गई कोने में, अब एक्स्ट्रा सी हो गई माँ।

जब जरूरत थी हम सबको, हम सबकी दुलारी थी माँ। जब सब बड़े हो गए, बोझिल गठरी बन गई माँ।
(अज्ञात)

English Blog by Manu Vashistha : 111097636

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