Best Children Stories in English, Hindi, Gujarati and Marathi Language

A STORY OF AN UNDEFINED GIRL

by JAHNAVI KATTI
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Once upon a time there was girl named Jahnavi who had recently came to Banglore during corona time(she was ...

पर-कटी पाखी - 10. पर-कटी फुर्र.

by Anand Vishvas
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10. पर-कटी फुर्र. *पर-कटी चिड़िया* से चिरौंटे के मिलने का सिलसिला आज भी बन्द नहीं हुआ था। हाँ, इतना ...

पर-कटी पाखी - 9. न्यायालय से.

by Anand Vishvas
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9. न्यायालय से. -आनन्द विश्वास लगभग सात साल से ऊपर का समय तो हो गया था, लाखन सिंह और ...

अनोखी सभा

by दिनेश कुमार
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1. अनोखी सभा आधी रात का समय था। एकदम शान्त सा वातावरण लग रहा था, लेकिन कुछ आवाजें जो ...

पर-कटी पाखी - 8. फाइल की तलाश.

by Anand Vishvas
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8. फाइल की तलाश. -आनन्द विश्वास सीनियर सीबीआई ऑफीसर भास्कर भट्ट जी की मौत के बाद सीबीआई ऑफिस में ...

पर-कटी पाखी - 7. पतंग वाला.

by Anand Vishvas
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7. पतंग वाला. -आनन्द विश्वास पाखी के बंगले से तीन बंगले छोड़ कर ही तो है चौथा बंगला, बंगला ...

दो दोस्त

by दिनेश कुमार
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दो दोस्त(नीकु और नीशू दोनों दोस्त आपस में वार्तालाप कर रहे हैं)निकु - ये बताओ नीशू दोस्त! आज कई ...

पर-कटी पाखी - 6. पुलिस की तफ्शीस

by Anand Vishvas
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6. पुलिस की तफ्शीस -आनन्द विश्वास माननीय न्यायालय के आदेश का तत्काल असर से पालन किया गया और सीबीआई ...

पर-कटी पाखी - 5. बात उस दिन की.

by Anand Vishvas
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5. बात उस दिन की. -आनन्द विश्वास आज पिंजरे भी वही हैं,अस्पताल भी वही है और उन पिंजरों के ...

पर-कटी पाखी - 4. नया ठिकाना.

by Anand Vishvas
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4. नया ठिकाना. -आनन्द विश्वास आज स्कूल में भी सारे दिन उदास ही रही पाखी। शायद उसे अपनी कम ...

पर-कटी पाखी - 3 - सुरक्षा-कवच.

by Anand Vishvas
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3. सुरक्षा-कवच. अपनी *पर-कटी चिड़िया* की सुरक्षा और सुरक्षित स्थान को लेकर पाखी बहुतचिन्तित थी। वह एक ऐसे स्थान ...

Kabir's Cleverness

by Anand Vishvas
  • 3k

“Kabir's Cleverness” -Anand Vishvas For a long time, Kabir and his mother had been desiring to visit Somnath Temple. ...

पर-कटी पाखी - 2 - अपना ही प्रतिविम्ब.

by Anand Vishvas
  • 1.2k

2. अपना ही प्रतिविम्ब. अपना ही प्रतिविम्ब तो दिखाई दे रहा था पाखी को, इस बेचारी, बेवश, विवश और ...

पर-कटी पाखी - 1

by Anand Vishvas
  • 1.1k

1.पर-कटी पाखी. कल से ही तो चालू होने वाले हैं पाखी के प्रिलिम ऐग्ज़ामस्। पढ़ते-पढ़ते मन बदलने के लिये ...

पर-कटी पाखी - प्रस्तावना

by Anand Vishvas
  • 3.2k

प्रस्तावना बालक के माता और पिता, दो पंख ही तो होते हैं उसके, जिनकी सहायता से बालक अपनी बुलन्दियों ...

School Picnic

by Anand Vishvas
  • 768

"School Picnic" -Anand Vishvas What can be a better day for children than the day when they do not ...

Shri Kshay Paro

by Anand Vishvas
  • 663

Shri Kshay Paro -Anand Vishvas Kabir and his friends were playing cricket in the society ground. Kabir was batting, ...

Bird Fur

by Anand Vishvas
  • 621

For the past two-four days, there had been a lot of movement of birds in the verandah of Kabir's ...

ಪ್ರವೀಣ ಹೇಗೆ ಆದ ಜಾಣ

by Vaman Acharya
  • 2.1k

ಪ್ರವೀಣ ಹೇಗೆ ಆದ ಜಾಣ ( ಮಕ್ಕಳ ನೀತಿ ಕಥೆ) ಲೇಖಕ ವಾಮನಾಚಾರ್ಯ ರಾಘವಪುರ್ ನಗರ ದಲ್ಲಿ ಬೆಳಗಿನ ಹತ್ತು ಗಂಟೆ ಸಮಯ. ಅನ್ನಪೂರ್ಣ ಮಾಧ್ಯಮಿಕ ...

I hate you, Papa!

by Anand Vishvas
  • 693

The Ashram of Saint Shri Shivanand ji is situated at some distance from Kabir's house. Abode of divine supernatural ...

Mobile Phone

by Anand Vishvas
  • 669

“Mom, I just want a mobile phone, that's all. Now I don't want to hear anything else. Now this ...

Two samosas for one anna

by Anand Vishvas
  • 621

Two samosas for one anna -Anand Vishvas It is about those days when two samosas were available for one ...

History Of Comic Books

by Mandira Ghosal
  • 720

Blame the comic book. Cheap and transportable, a trove of infantile fantasy and psychosexual Pop Art, often spiced with ...

विद्यालय

by दिनेश कुमार
  • 1.9k

तालियाँ - बाल कहानीइस समय विद्यालय में गणतन्त्र दिवस समारोह के लिए सभी बच्चे और शिक्षक बड़े जोर - ...

हैलो मिस मैगी

by Kusum Agarwal
  • 1.4k

हैलो मिस मैगी!“रीना क्या तुमने मिस मैगी को देखा है?” कक्षा में आते ही यामा ने प्रश्न किया।“होगी यहीं ...

पेड़ पौधे

by दिनेश कुमार
  • 1.5k

पेड़ पौधेएक बार दीपक नाम का लड़का किसी जंगल में गायों को चराने के लिए गाँव के अन्य लोगों ...

बहुत जरूरी

by दिनेश कुमार
  • 1.2k

बहुत जरूरीआज खुशी के परिवार में बेहद ही खुशी का माहौल था। उसकी माँ तो फूले न समा रही ...

मज़े से होली खेलेंगे

by Kusum Agarwal
  • 1.4k

मजे से होली खेलेंगेजब से इरा आई थी, टीना के पांव जमीन पर नहीं पड़ते थे। वह पूरे दिन ...

झूठी प्रशंसा

by दिनेश कुमार
  • 1.6k

1. झूठी प्रशंसा : -एक बार की बात है । एक महिला के घर पर कुछ मेहमान आने वाले ...

जिज्ञासा

by दिनेश कुमार
  • 1.5k

1. जिज्ञासा -"मांँ! आज क्या मैं स्कूल नही जाऊंँ?""क्या हुआ तृप्ति बिटिया, तबियत तो ठीक है? देखूँ, कहीं बुखार ...