दोपहर के १२ बजे ..... (दिल्ली में) एक कमरे में इसे अंधेरा छाया हुआ था की अभी जेसे लग रहा ...
एक लड़की अभी खिड़की के पास खड़ी खड़ी कुछ सोच रही थी .. असमान में बेहद ही प्यारा सा ...
काले अंधारा था.. चारो ओर ज्वाला जल रही थी! पूरी तरह से वो किसी नर्क का रास्ता लग रहा ...
जय द्वारकाधीश.. जय भोलेनाथ.. श्री गणेशाय नमः...प्यार की कोई भाषा नहीं होती ..प्यार की कोई दिशा नहीं होती ..लिखा ...