1.यूँही बे-सबब न फिरा करो कोई शाम घर में रहा करोवो ग़ज़ल की सच्ची किताब है उसे चुपके चुपके ...
1दिल्लगी में हो, ना जाना इतने मशगूल की सही गलत का फर्क भी जाओ भूल दिल लगाना किसी ऐसे ...
1.उनकी मेहरबानी बेमिसाल थीजाते जाते हजारों गम दे गये हम कितने खुदगर्ज निकले मोहब्बत के सिवा उनको कुछ और ...
1.पूछा जो हमसे कि क्या हुआहमने कहा….“कुछ नहीं”इस ‘कुछ नहीं’ में कितना कुछ होता है नामगर उस होने को ...
एक गाँव की कहानी "अहा! इतने लम्बे - चौड़े खेत। धन्य हो! हमारे पितरों ने कैसे कब इनका निर्माण ...
1. मददगारएक गांँव था। उस गांँव का नाम रामपुरा था। रामपुरा गांँव के पास से बहुत घना वन था। ...
1.मरीज हो अगर दिल के तो कर लो इश्क..क्योंकि धड़कना दिलों को सिखा देता है इश्क...!!2.मुनाफा का तो पता ...
मालिक*रोज की तरह कुछ दिन पहले मैं गौशाला में सेवा कर रहा था। मेरे हाथ में चारे का कट्टा ...
गाँव की बात निरालीगाँव में सुबह - सुबह चार - पांच बजे ही चिडियों की चहचाहट, गाय - भैंसों ...
1.मेरी बेचैनी का आलम मेरी बेचैनी से पूछो..मेरे चहरे से पूछोगे कहेगा ठीक है सब कुछ..!!2.सफलता का मुख्य आधार..सकारात्मक ...