धर्म से अंजान प्यार - 6

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अब रेहान और मेने ज्यादा मिलना कम कर दिया था ताकि किसी को हम पर शक ना हो। अब हम स्कूल में भी ज्यादा बात नहीं करते थे। हमे लगा की धीरे धीरे सब ठीक हो जायेगा। एक दिन में घर में बैठी बैठी अपना स्कूल का काम कर रहीं थीं तभी बाहर से पिता जी आए और उन्होंने मां को अंदर कमरे में बुलाया ।में भी पीछे पीछे चुपक से मां के पीछे गई और। उनकी बाते सुनने लगी। पिता जी मां से कह रहे थे की गांव का माहोल अभी कुछ ठीक नही चल रहा है तुम अभी