उज्जैन के महाकाल:- एक अद्भुत अनुभव

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बात आज से कुछ वर्ष 2012-13 की है प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते हुए मुझे बहुत अधिक समय व्यतीत हो चुका था। मैं अब तैयारी के उस मुकाम पर था कि किसी भी परीक्षा में बेहतर स्कोर कर सकता था। बचपन से ही मेरा वर्दी के प्रति प्रेम जग जाहिर था, पहले एन डी ए फिर वायुसेना के लिए मैंने भरकस प्रयास किया था किंतु निर्देशन के अभाव में सफलता नही मिल पाई। मेरी तीन बहने है उनके विवाह इत्यादि में बहुत पाइसा लगेगा यह सोचकर कोचिंग में पैसा लगाने की कोशिश भी मैंने नही की।2013 की पुलिस कांस्टेबल भर्ती मेरे