आईना मुझसे मेरी पहली सी सूरत मांगे

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आईना मुझसे मेरी पहली सी सूरत मांगेनिधि अग्रवाल पद्मा ने उकता कर बैकस्टेज की झिरी से हाल में झाँका। तिल रखने की जगह शेष न थी। शहर के गणमान्य जन आ चुके थे। बस मंत्री जी की प्रतीक्षा थी, जिनके आते ही कार्यक्रम शुरू हो जाने वाले वाला था। बताओ पद्मा…. ,श्रेयस ने उसे अपने अंदाज़ से झकझोरते हुए कहा! क्या? , उसने भावशून्य नजरें सामने खड़े संवाददाता पर टिका दी।संवाददाता ने सवाल दोहराया, जलने के बाद जब पहली बार अपना चेहरा देखा था आपने, तब क्या विचार आए थे मन में? ऐसा नहीं कि इन मूर्खतापूर्ण सवालों का जवाब उसने पहले कभी न दिया