कर्म पथ पर - 10

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‌‌‌ कर्म पथ पर Chapter 10नाटक के पहले शो के दिन सभी बहुत उत्साहित थे। सभी तैयारियां पूरी हो चुकी थीं। बस कुछ ही समय में नाटक का मंचन शुरू होने वाला था। सिर्फ जय कुछ अनमना सा था। इंद्र ने उसे समझाया कि वह उस लड़की की बातों को मन से ना लगाए। शो खराब हो गया तो तुम्हारे पिता की प्रतिष्ठा पर बुरा असर पड़ सकता है। इसलिए वह ऊपरी तौर पर खुश रहने का दिखावा कर रहा था। विलास