Hindi Shayri videos by ज़ख्मी__दिल…सुलगते अल्फ़ाज़ Watch Free

Published On : 22-Dec-2024 11:47pm

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✤┈SuNo ┤_★_🦋
ठहर जाती है निगाह मेरी उन
ठिकानों पे जहाँ से आशियां के
        तूने तिनके उठाए

दर-ओ-दीवार से तेरी निसबत
      का सबब तब जाना’
जमाने भर के तूफान मैंने जब
          सर पे उठाए

अब याद है बस वही इबारत जो
मिट गई’ जिन पन्नों पे कभी तूने
           आंसू गिराए,

  हक हो गया कतरे का हर एक
  मोती पे’ समंदर ने जब कश्ती
          को रास्ते दिखाए,

    तेरे हुस्न की बातें दीवारों से
               सुनी मैंने
   मशक़्क़त से तुमने जिन पर
           थे परदे लगाए,

शरारत को मकान से मेरे, लोगों
  अलग रखो’ मैंने आरजूओं के
    इसमें बहुत शीशे लगाए,

आओ कर दूँ कुछ नक़्श अपने
      पोशीदा तेरी आँखों में’
ये कुछ गहने थे जो मैंने जमाने
            से बचाए,

ये सुबह फिर ले आएगी मुझे
       दुनिया की मंडी में’
गला कटना ही है तो क्यों न
        और सो जाएं,

ये आँखों की नमी जावेदा तो
          हो न पाएगी’
अगर तू अर्श से थोड़ी सी मय
बरसाए

निसबत= संबंध, मँगनी, सगाई,
इबारत= बनावट, रचना,
नक़्श= तस्वीर, चित्र,
पोशीदा= गुप्त, छिपा हुआ
जावेदा= सुंदर, "आकर्षक
अर्श= तख़्त, छत,
╭─❀💔༻
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 @LoVe_AaShiQ_SinGh
 ⎪⎨➛•ज़ख़्मी-ऐ-ज़ुबानी°☜⎬⎪
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2 Comments

ज़ख्मी__दिल…सुलगते अल्फ़ाज़ videos on Matrubharti
ज़ख्मी__दिल…सुलगते अल्फ़ाज़ 8 hour ago

पसंद नि आई क्या..🤔

Ishani Morya videos on Matrubharti
Ishani Morya 8 hour ago

Whaa whaa🤭🤭👍