Hindi Poem videos by Urmi Chauhan Watch Free

Published On : 23-Mar-2024 11:51pm

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श्वेत नही श्याम रंग
काया का भेद हो तो बन गई कटी पतंग ?
केसर पीला जो पीताम्बर पहने अपने अंग
उनकी दृष्टि है समान रूप हरएक रंग

लाल रंग जो इश्क का और न हो लहू तो जीवन भंग
कुदरत की शाम हो या रात काली वीरान संग
रण के मैदान में भी रेत सा खारा अतरंग

प्रकृति की रचना कर भिन्न भिन्न रूपरंग
नीली चुनरी ओढ धरती बनी मलंग
हरा, गुलाबी और केसरिया पुष्प से खिली सुगंध

हो कोई निराश या जीवन उसका बेरंग
होली के रास में संसार सारा मगन तेरे ही संग
अव्यक्त ...! तेरे ही प्रेम में बने रहे सतरंग


Urmi

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