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Published On : 11-Dec-2023 10:54pm228 views
हनुमानजी इस कलियुग के जागृत देवता हैं, जो भक्तों के सभी तरह के कष्टों को दूर करते हैं। अगर हनुमानजी कि भक्ति सच्ची श्रद्धा से की जाएं तो वे भक्तों की सभी मनोकामनाओं को पूर्ण कर देते है। आज हम आपको बताते हैं कि हनुमानजी की कौन-सी साधना से किस तरह के कष्ट मिट जाते हैं।
सबसे पहली साधना है हनुमान चालीसा,
जो व्यक्ति नित्य सुबह और शाम हनुमान चालीसा का पाठ करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है और उसे कोई भी व्यक्ति बंधक नहीं बना सकता। उस पर कारागार का संकट कभी नहीं आता। श्रीरामचरित मानस के रचयिता गोस्वामी तुलसीदास ने श्रीरामचरितमानस लिखने से पहले हनुमान चालीसा लिखी थी और फिर हनुमानजी की कृपा से ही वे श्रीरामचरितमानस लिख पाएं। यदि किसी व्यक्ति को अपने कुकर्मों के कारण कारागार कि सजा हो गई है, तो उसे संकल्प लेकर क्षमा-प्रार्थना करनी चाहिए और आगे से कभी किसी भी प्रकार के कुकर्म नहीं करने का वचन देते हुए हनुमान चालीसा का 108 बार पाठ करना चाहिए। हनुमानजी की कृपा हुई तो कारागार से ऐसे व्यक्ति मुक्त हो जाते हैं।
दूसरा है बजरंग बाण,
बहुत से व्यक्ति अपने कार्य या व्यवहार से लोगों को रुष्ट कर देते हैं इससे उनके शत्रु बढ़ जाते हैं कुछ लोगों को स्पष्ट बोलने की आदत होती है जिसके कारण उनके गुप्त शत्रु भी होते हैं यह भी हो सकता है कि आप सभी तरह से अच्छे हैं फिर भी आपकी तरक्की से लोग जलते हो और आपके विरुद्ध षड्यंत्र रचते हो ऐसे समय में यदि आप सच्चे हैं तो श्री बजरंग बाण आपको बचाता है और शत्रुओं को दंड देता है बजरंग बाण से शत्रु को उसके किए की सजा मिल जाती है, लेकिन इसका पाठ एक जगह बैठकर अनुष्ठानपूर्वक 21 दिन तक करना चाहिए और हमेशा सच्चाई के मार्ग पर चलने का संकल्प लेना चाहिए, क्योंकि हनुमानजी सिर्फ पवित्र लोगों का ही साथ देते हैं। आपको 21 दिन में इसका तुरंत फल मिलता है।
तीसरा है हनुमान बाहुक,
यदि आप बीमारियों से परेशान हैं तो जल का एक पात्र हनुमान जी कि प्रतिमा के सामने रखकर हनुमान बाहुक का 26 या 21 दिनों तक पाठ करें। प्रतिदिन उस जल को ग्रहण करें और दूसरा जल रखें। हनुमानजी की कृपा से शरीर की समस्त पीड़ाओं से आपको मुक्ति मिल जाएगी।
चौथा है हनुमान मंत्र,
यदि आपको अंधेरे या भूत-प्रेत से डर लगता है या किसी भी प्रकार का भय है तो आप ॐ हं हनुमंते नम: नित्य सुबह शाम 108 बार जप करें। कुछ ही दिनों में धीरे-धीरे आप में निर्भीकता का संचार होने लगेगा
पांचवा है हनुमान मंदिर,
प्रति मंगलवार एवं शनिवार को हनुमान मंदिर में जाएं और गुड़, चना अर्पित करें।ऐसा आप 21 दिन तक करें और जब 21 दिन पूरे हो जाएं तो हनुमानजी को चोला चढ़ाएं। हनुमानजी तुरंत ही घर में सुख-शांति कर देंगे।
छटा है राम नाम का जप,
राम नाम का सुमिरन करते रहने से हनुमान जी प्रसन्न होते हैं और कृपा दृष्टि बनाएं रखते हैं।
सबसे पहली साधना है हनुमान चालीसा,
जो व्यक्ति नित्य सुबह और शाम हनुमान चालीसा का पाठ करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है और उसे कोई भी व्यक्ति बंधक नहीं बना सकता। उस पर कारागार का संकट कभी नहीं आता। श्रीरामचरित मानस के रचयिता गोस्वामी तुलसीदास ने श्रीरामचरितमानस लिखने से पहले हनुमान चालीसा लिखी थी और फिर हनुमानजी की कृपा से ही वे श्रीरामचरितमानस लिख पाएं। यदि किसी व्यक्ति को अपने कुकर्मों के कारण कारागार कि सजा हो गई है, तो उसे संकल्प लेकर क्षमा-प्रार्थना करनी चाहिए और आगे से कभी किसी भी प्रकार के कुकर्म नहीं करने का वचन देते हुए हनुमान चालीसा का 108 बार पाठ करना चाहिए। हनुमानजी की कृपा हुई तो कारागार से ऐसे व्यक्ति मुक्त हो जाते हैं।
दूसरा है बजरंग बाण,
बहुत से व्यक्ति अपने कार्य या व्यवहार से लोगों को रुष्ट कर देते हैं इससे उनके शत्रु बढ़ जाते हैं कुछ लोगों को स्पष्ट बोलने की आदत होती है जिसके कारण उनके गुप्त शत्रु भी होते हैं यह भी हो सकता है कि आप सभी तरह से अच्छे हैं फिर भी आपकी तरक्की से लोग जलते हो और आपके विरुद्ध षड्यंत्र रचते हो ऐसे समय में यदि आप सच्चे हैं तो श्री बजरंग बाण आपको बचाता है और शत्रुओं को दंड देता है बजरंग बाण से शत्रु को उसके किए की सजा मिल जाती है, लेकिन इसका पाठ एक जगह बैठकर अनुष्ठानपूर्वक 21 दिन तक करना चाहिए और हमेशा सच्चाई के मार्ग पर चलने का संकल्प लेना चाहिए, क्योंकि हनुमानजी सिर्फ पवित्र लोगों का ही साथ देते हैं। आपको 21 दिन में इसका तुरंत फल मिलता है।
तीसरा है हनुमान बाहुक,
यदि आप बीमारियों से परेशान हैं तो जल का एक पात्र हनुमान जी कि प्रतिमा के सामने रखकर हनुमान बाहुक का 26 या 21 दिनों तक पाठ करें। प्रतिदिन उस जल को ग्रहण करें और दूसरा जल रखें। हनुमानजी की कृपा से शरीर की समस्त पीड़ाओं से आपको मुक्ति मिल जाएगी।
चौथा है हनुमान मंत्र,
यदि आपको अंधेरे या भूत-प्रेत से डर लगता है या किसी भी प्रकार का भय है तो आप ॐ हं हनुमंते नम: नित्य सुबह शाम 108 बार जप करें। कुछ ही दिनों में धीरे-धीरे आप में निर्भीकता का संचार होने लगेगा
पांचवा है हनुमान मंदिर,
प्रति मंगलवार एवं शनिवार को हनुमान मंदिर में जाएं और गुड़, चना अर्पित करें।ऐसा आप 21 दिन तक करें और जब 21 दिन पूरे हो जाएं तो हनुमानजी को चोला चढ़ाएं। हनुमानजी तुरंत ही घर में सुख-शांति कर देंगे।
छटा है राम नाम का जप,
राम नाम का सुमिरन करते रहने से हनुमान जी प्रसन्न होते हैं और कृपा दृष्टि बनाएं रखते हैं।
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