Hindi Questions videos by Mohan Dhama Watch Free

Published On : 19-Jul-2023 10:12am

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ओर लोग कहते है ओरंगजब महान था🙏

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Rachel Abraham videos on Matrubharti
Rachel Abraham 5 month ago

परमाणु आर्मागेडन (धर्मयुद्ध ) इस्लाम को समाप्त कर देगा, लेकिन ऐसा मानवता का बड़ा हिस्सा मिटाने के बाद होगा। यदि हम अभी चेत जाएं और संवाद शुरू कर दें, इस्लाम पर सवाल उठाना शुरू कर दें और मुसलमानों को सच देखने में मदद करना शुरू कर दें तो इस्लाम कमजोर हो जाएगा और मुसलमान आजाद हो जाएंगे। ये लोग एक बड़े झूठ के पीड़ित हैं। इन्हें सजा नहीं, बल्कि मार्गदर्शन की आवश्यकता है। यदि संवाद नाकाम हुआ तो युद्ध तय है। यदि नाजीवाद के शक्तिशाली होने से पहले इसे विचारधारा से हरा दिया गया होता तो 50 मिलियन लोगों को अपनी जान नहीं गंवानी पड़ती । मुसलमानों और स्वतंत्र दुनिया के बीच परमाणु युद्ध इससे भी कहीं अधिक लोगों की जान ले लेगा।
एक बात तय है कि इस्लाम के गिने-चुने दिन बचे हैं। यह या तो महाविस्फोट में समाप्त हो जाएगा, जैसे कि नाजीवाद मिटा था, अथवा यह साम्यवाद की तरह खुद ही इतने टुकड़ों में बंट जाएगा कि मुसलमान जब सत्य देखेंगे तो बड़ी संख्या में इस्लाम छोड़ेंगे।
इन सवालों के जवाब इस पर निर्भर करेंगे कि हम आज कया करते हैं । प्रकृति अच्छा या बुरा नहीं पहचानती है: यह केवल बल को पहचानती है। मुसलमान उग्रवादी हैं। वे सक्रियता से अपने मजहब का प्रचार धोखा देकर और आतंक के जरिए कर रहे हैं। धोखा और आतंक जिहाद की दो रणनीतियां हैं । जिहाद वह संघर्ष है, जिसमें सभी मुसलमान अपनी-अपनी क्षमता के हिसाब से शामिल होते हैं। कुछ आतंकवाद के माध्यम से अपनी जिंदगी देकर जिहाद में शामिल होते हैं, कुछ आतंकवाद के वित्तपोषण के लिए धन देकर इसमें शामिल होते हैं तो बाकी अलतकैया चलाकर ( धोखा देकर ) अर्थात इस्लाम के शांति के मजहब होने का भ्रम फैलाकर इसमें शामिल होते हैं। सभी मुसलमान जिहाद का हिस्सा हैं। इनका मकसद दुनिया को कब्जे में लेकर इस्लामी हुकूमत स्थापित करना है।

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Rachel Abraham 5 month ago

परमाणु आर्मागेडन (धर्मयुद्ध ) इस्लाम को समाप्त कर देगा, लेकिन ऐसा मानवता का बड़ा हिस्सा मिटाने के बाद होगा। यदि हम अभी चेत जाएं और संवाद शुरू कर दें, इस्लाम पर सवाल उठाना शुरू कर दें और मुसलमानों को सच देखने में मदद करना शुरू कर दें तो इस्लाम कमजोर हो जाएगा और मुसलमान आजाद हो जाएंगे। ये लोग एक बड़े झूठ के पीड़ित हैं। इन्हें सजा नहीं, बल्कि मार्गदर्शन की आवश्यकता है। यदि संवाद नाकाम हुआ तो युद्ध तय है। यदि नाजीवाद के शक्तिशाली होने से पहले इसे विचारधारा से हरा दिया गया होता तो 50 मिलियन लोगों को अपनी जान नहीं गंवानी पड़ती । मुसलमानों और स्वतंत्र दुनिया के बीच परमाणु युद्ध इससे भी कहीं अधिक लोगों की जान ले लेगा।
एक बात तय है कि इस्लाम के गिने-चुने दिन बचे हैं। यह या तो महाविस्फोट में समाप्त हो जाएगा, जैसे कि नाजीवाद मिटा था, अथवा यह साम्यवाद की तरह खुद ही इतने टुकड़ों में बंट जाएगा कि मुसलमान जब सत्य देखेंगे तो बड़ी संख्या में इस्लाम छोड़ेंगे।
इन सवालों के जवाब इस पर निर्भर करेंगे कि हम आज कया करते हैं । प्रकृति अच्छा या बुरा नहीं पहचानती है: यह केवल बल को पहचानती है। मुसलमान उग्रवादी हैं। वे सक्रियता से अपने मजहब का प्रचार धोखा देकर और आतंक के जरिए कर रहे हैं। धोखा और आतंक जिहाद की दो रणनीतियां हैं । जिहाद वह संघर्ष है, जिसमें सभी मुसलमान अपनी-अपनी क्षमता के हिसाब से शामिल होते हैं। कुछ आतंकवाद के माध्यम से अपनी जिंदगी देकर जिहाद में शामिल होते हैं, कुछ आतंकवाद के वित्तपोषण के लिए धन देकर इसमें शामिल होते हैं तो बाकी अलतकैया चलाकर ( धोखा देकर ) अर्थात इस्लाम के शांति के मजहब होने का भ्रम फैलाकर इसमें शामिल होते हैं। सभी मुसलमान जिहाद का हिस्सा हैं। इनका मकसद दुनिया को कब्जे में लेकर इस्लामी हुकूमत स्थापित करना है।