Hindi Poem videos by Mohit Rajak Watch Free

Published On : 08-May-2023 04:39pm

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विज्ञान के युग में कितना आराम हो गया
इंसान मोबाइल का गुलाम हो गया
हम अपने ही घर में अपनों से दूर हो गए
देखो हम कितने मजबूर हो गए
अब वस्तुओं को हम वालों से निभाते हैं
अब दिखाने के लिए दोस्त बनाते हैं
ना जाने कब हमें यह लोग हो गया
इंसान मोबाइल का गुलाम हो गया..
बच्चों के चेहरे की मुस्कान ना जाने कहां खो गई
खेलने कूदने की आदत ना जाने कहां छूट गई
अब बच्चे मोबाइल की दुनिया में रिकॉर्ड बनाते हैं
शायद इसलिए अपने ओलंपिक में मेडल कितने कम आते हैं
देखो इंडिया कितना डिस्टल हो गया
इंसान मोबाइल का गुलाम हो गया
मोबाइल की आदत हमें इतनी गहरी हो गई
हमारी हालत जल बिन मछली जैसी हो गई
अब हमारी सुबह शाम वालों से होती है
मैसेज चेक करने की कितनी बेचैनी होती है
देखो इंसान कितना मजबूर हो गया
इंसान मोबाइल का गुलाम हो गया
विज्ञान के युग में बड़ा आराम हो गया इंसान मोबाइल का गुलाम हो गया
मोबाइल से रिश्ते टूट रहे हैं
अपने अपनों से रूठ रहे हैं
मानसिक बीमारी बढ़ती जा रही है
इंसान की उम्र लगातार घटती जा रही है
अब हमारे लिए मोबाइल एक बड़ा खतरा हो गया है
इंसान मोबाइल का गुलाम हो गया है
विज्ञान के युग में बड़ा आराम हो गया है
इंसान मोबाइल का गुलाम हो गया।
उद्देश्य
भाइयों आज की युवा पीढ़ी मोबाइल की बुरी तरह से गुलाम होती जा रही है अगर इस समस्या पर अभी विचार नहीं किया गया अभी रोक ना लगाई गई तो देश का भविष्य खतरे में पड़ जाएगा पब्जी टिक टॉक जैसे ना जाने कितने ही एप्स हमारे देश के बच्चों और युवाओं को बर्बाद कर रहे हैं हमें इसे रोकना होगा हमें अब मोबाइल की गुलामी से आजादी की जरूरत है फिर एक बार स्वतंत्र संग्राम डिस्टल दुनिया से अपनी युवा पीढ़ी को बचाने के लिए और सनातन धर्म का प्रचार प्रसार करने के लिए अपने वेदों और उपनिषदों का ज्ञान का प्रचार करने के लिए हम सबको मिलकर प्रयास करना होगा।
हमने एक चिंगारी दी है आग लगनी चाहिए
मोबाइल की गुलामी से हमें अब आजादी चाहिए
मिशन चाइल्ड स्माइल
हैप्पी चिल्ड्रन हैप्पी नेशन

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