Hindi Poem videos by TUHINANSHU MISHRA Watch Free

Published On : 11-Jan-2022 11:48pm

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' मिथ्याभिमान '
ये मेरी स्वरचित कविताओं में से एक है और मुझे स्वयं बेहद पसंद है। इसका अभिप्राय सिर्फ इतना है कि मनुष्य को यदि क्षणिक अभिमान हो तो वह ग्रहण करने योग्य है परंतु यदि सदा गर्व में फूला रह गया तो मूर्ख समान बन जाता है।
मैं अपनी बाकी कविताएं भी जल्द ही वीडियो/लेख के माध्यम से प्रकाशित करूंगा। जुड़े रहें।

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