Gujarati Poem videos by Falguni Maurya Desai _જીંદગી_ Watch Free

Published On : 19-Jul-2021 06:30pm

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साथ में काफिला लिये चलता हुं
फिर भी न जाने क्यों
खुद को अकेला मिलता हुं
भीड़ मे अपनो को ढुंढता हुं
और फिर खाली हाथ लौटता हुं

वो जो मेरे अपने थे खो गए कहीं मुज से
इन सपनो की भीड़ में
ये जो साथ चल हैं
वो तो गैर हैं, अपने कहाँ हैं
और फिर आँखों में सपने कहाँ हैं
और फिर आँखों में सपने कहाँ हैं


- जींदगी

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