Hindi Poem videos by Sudhakar Mishra Watch Free

Published On : 11-Apr-2020 11:20am

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बे वज़ह हमारी जल्दी से कई काम अधूरे रहते हैं
बिन चाहे परेशां होते हैं दूजे को कोसते रहते हैं
गर जल्दी हम वहीं करें मेरे काम जहां पर बनते हैं
शुभस्य शीघ्रम का नारा फलीभूत जहां पर दिखते है
है धैर्य जरूरी जीवन में जब कार्य सिद्धि में लगते है
निश्चित ही जीत हमारी है गर शुद्ध भाव ही जगते हैं
शीघ्र नहीं धीरज से ही हर काम सदा ही संवरते हैं
है गैरजरूरी ऊहापोह संतुलित काज ही बनते हैं

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