Hindi Shayri videos by प्रिन्शु लोकेश तिवारी Watch Free

Published On : 02-Mar-2020 11:06am

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#मुक्तक
#मै_अपना_गांव_देखा_हूँ
#prinshulokesh
#bebaakpoetry

चमकती धूप देखा हूँ सुनहरी छाँव देखा हूँ।
सुबह उठते पिता के मैं सजीले पाँव देखा हूँ।

कभी उतरेंगे पर्वत से उतरकर जाएंगे घर तक
गली भूली नहीं मुझको मैं अपना गाँव देखा हूँ।

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